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Mann Tumhara | मन तुम्हारा | Dr Kumar Vishwas 2017

2017-12-16 74 Dailymotion

Whom is the poet remembering in this nostalgic expression?<br />किसे याद कर रही है ये पंक्तियाँ? <br />Presenting Dr Kumar Vishwas in a nostalgic mood. Feel the velvet emotions and the poignant undercurrent.<br />मन तुम्हारा हो गया तो हो गया <br />***<br />एक तुम थे जो सदा से अर्चना के गीत थे<br />एक हम थे जो सदा ही धार के विपरीत थे<br />ग्राम्य-स्वर कैसे कठिन <br />आलाप नियमित साध पाता<br />द्वार पर संकल्प के<br />लखकर पराजय कंपकंपाता<br />क्षीण सा स्वर खो गया तो खो गया<br />मन तुम्हारा हो गया तो हो गया<br />***<br />लाख नाचे मोर सा मन लाख तन का सीप तरसे <br />कौन जाने किस घड़ी व्याकुल धरा पर मेघ बरसे <br />अनसुने चाहे रहे <br />तन के सजग शहरी बुलावे <br />प्राण में उतरे मगर <br />जब सृष्टि के आदिम छलावे <br />बीज बदल बो गया तो बो गया <br />मन तुम्हारा हो गया तो हो गया <br /><br />Follow us on :- <br />YouTube :- <br />Facebook :- <br />Twitter :-

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